कारक और उसके भेद
प्रश्न:- कारक क्या है? इसके कितने भेद है? उदाहरण सहित वर्णन करें।
उत्तर:- जो क्रिया की उत्पत्ति में सहायक हो, उसे कारक कहा जाता है।
📌 कारक का शाब्दिक अर्थ "करने वाला" होता है।
कारक के भेद
कारक के मुख्यत: आठ भेद हैं-
कर्ता कारक:- काम करने वाला को कर्ता कारक कहते हैं। जैसे:- राम ने मारा। , सीता लिखती है ।
कर्म कारक:- जिस पर काम का फल पड़ता है उसे, कर्म कारक कहते हैं। जैसे:- राम ने रावण को मारा।
करण कारक:- कर्ता जिस हथियार या औजार से काम करता है उसे करण कारक कहते हैं। जैसे:- मैं कलम से लिखता हूं। राम ने रावण को तीर से मारा।
संप्रदान कारक:- कर्ता जिसके लिए काम करता है उस एक संप्रदान कारक कहते हैं। जैसे:- राम ने धर्म की रक्षा के लिए रावण को मारा।
अपादान कारक:- जिससे एक वस्तु का दूसरे वस्तु से जुदा या अलग होना समझा जाए, उसे अपादान कारक कहते हैं। जैसे:- पेड़ से पत्ता गिरा। गंगा हिमालय से निकलती है।
अधिकरण कारक:- कर्ता जिस स्थान पर काम करता है उसे अधिकरण कारक कहते हैं। जैसे:- बच्चा खाट पर सोया है। मैं छत पर हूं।
संबंध कारक:- जिससे एक वस्तु का संबंध दूसरे वस्तु से बोध हो, उसे संबंध कारक कहते हैं। जैसे:- यह राजा का महल है।
संबोधन कारक:- संज्ञा के जिस रुप से किसी को पुकारने या संकेत करने का भाव पाया जाता है, उसे संबोधन कारक कहते हैं। जैसे:- हे राम, अजी सुनते हो।
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